माननीय श्री श्याम बिहारी जायसवाल का संक्षिप्त परिचय
राजनीति को सेवा भाव के रूप में एक संकल्प की तरह पूरी ईमानदारी व निष्ठा के साथ निभाने की क्षमता विरले व्यक्ति में ही होती है, एक किसान परिवार में मध्यम वर्गीय जीवन शैली के साथ, मध्यम वर्गीय परिवारिक पृष्ठभूमि में रहने वाले श्याम बिहारी जायसवाल राजनीति के शिखर में लगातार आगे बढ़ते जायेंगे और इनकी लोकप्रियता सरल व्यवहार के साथ और भी अधिक बढ़ती जायेगी तब किसी ने ऐसा सोचा न था कि जनपद सदस्य, जनपद उपाध्यक्ष, विधायक पद तक पहुँचने वाले मान. श्री श्याम बिहारी जायसवाल, मंत्री लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण, चिकित्सा शिक्षा, बीस सूत्री कार्यक्रम छत्तीसगढ़ सरकार जैसे जिम्मदारी भरे पद के बाद आज श्याम बिहारी जायसवाल लोगों के बीच एक लोकप्रिय जनप्रतिनिधि के रूप में पहचाने जाते है|
1 अक्टूबर 1976 को खड़गवां जनपद अंतर्गत ग्राम रतनपुर में स्व. सूरजदीन जायसवाल व श्रीमती चंद्रवती जायसवाल जी के घर इनका जन्म हुआ. मूलतः कृषि कार्य करने वाले इनके पिता स्व. सूरजदीन और माता श्रीमती चंद्रवती ने अपने अन्य बच्चों की तरह श्याम बिहारी को भी एक साधारण परिवार में रहते हुए घरों के कार्य व शिक्षा के प्रति जागरूक किया|
अपनी प्रारंभिक शिक्षा इन्होंने ग्राम रतनपुर में ही शुरू की इसके बाद हाईस्कूल की शिक्षा प्राप्त करने गांव से दूर जनपद मुख्यालय खड़गवां हर रोज आते जाते थे, शिक्षा के प्रति बेहद लगाव होने के साथ-साथ तब श्याम बिहारी जासयवाल अपने पिता के साथ खेतों में भी हाथ बटाया करते थे, खेतों में काम करना, हल चलाना और पिता का सहयोग करना उन्हें अच्छा लगता था| जिस तरह बेहद रूचि के साथ पढ़ाई के प्रति ध्यान देते थे ठीक इसी तरह पिता जी के कार्यों में भी वे हमेशा हाथ बटॉते थे, चार भाई व तीन बहन के बीच श्याम बिहारी जायसवाल सदैव परिवारिक जिम्मेदारी के प्रति भी सजग रहते, हायर सेकेण्डी शिक्षा के बाद इन्होंने उच्च शिक्षा के लिए शासकीय लाहिडी महाविद्यालय चिरमिरी में दाखिला ले लिया, शूरू से मेघावी छात्र होने के कारण इस महाविद्यालय में वे विद्यार्थी परिषद के सदस्य 1993 से 1998 तक रहे वहीं एमएससी रसायन शास्त्र से उच्च शिक्षा प्राप्त करने वाले श्याम बिहारी तब 1997-1998 में इस महाविद्यालय में सांईस एसोसिशयन के अध्यक्ष भो रहे, विज्ञान के क्षेत्र में बेहतर ज्ञान होने के कारण ही उन्होंने रसायन जैसे जटिल विषय से एमएससी की डिग्री प्राप्त की।
स्व. श्री अटल बिहारी बाजपयी के भाषणों से उनकी कार्यशौली से श्याम बिहारी जायसवाल बेहद प्रभावित थे, साथ ही वे स्वामी विवेकानंद की किताबों को बेहद रूचि के साथ पढ़ते किताबों में शुरू से रूचि होने के कारण विशेष कर प्राचीन इतिहास विषय पढ़ा करते थे, स्वामी विवेकानंद के विचारों व अटल जी के भाषणों से प्रभावित होकर इन्होंने भारतीय जनता पार्टी में 1998 से प्रारंभिक सदस्य के रूप में शामिल हुए, उन दिनों में शिक्षा के प्रति बेहद रूचि होने के कारण श्याम बिहारी जायसवाल अक्सर स्कूलों में जाकर निःशुल्क शिक्षा भी दिया करते थे आज भी जब उन्हें समय मिलता है तो वे स्कूलों में जाकर बच्चों को स्कूली शिक्षा के साथ नैतिक शिक्षा का पाठ जरूर पढ़ाते है उच्च शिक्षा ग्रहण करने के बाद परिवारिक जिम्मेदारी व खर्चों को चलाने के लिए इन्होंने व्यापार के रूप में साप्ताहिक बाजारों में घूम-घूम कर ग्रामीणों से सामानों के क्रय विक्रय का कार्य भी किया करते थे|
इसी दौरान अपने व्यवहार के कारण गांव-गांव में इनकी लोकप्रियता बढ़ती चली गई अपने सरल व्यवहार व लोगों के सुख दुःख में सदैव साथ खड़े रहने वाले श्याम बिहारी जायसवाल को वर्ष 2009 में स्थानीय जनों ने जनपद सदस्य का चुनाव लड़ने का प्रस्ताव रखा, परिजनों से सलाह के बाद इन्होंने सभी के सहयोग से चुनाव लड़ने का फैसला किया| निर्वाचित जनप्रतिनिधि के रूप में जन सेवा का यह पहली सीढ़ी थी, खड़गवां जनपद सदस्य के रूप में 2009 में यह निर्वाचित हुए और फरवरी 2010 में इन्हें जनपद पंचायत खड़गवां का उपाध्यक्ष बनाया गया, जनपद उपाध्यक्ष के रूप में फरवरी 2010 से दिसम्बर 2013 तक इन्होंने कार्य किया और इस दौरान इनकी लोकप्रियता पूरे जिले में बढ़ती चली गई, सरल व्यवहार और लोगों के बीच बेहद लोकप्रिय होने के कारण ही 2013 विधानसभा चुनाव में इन्हें भाजपा ने मनेन्द्रगढ़ विधानसभा से अपना उम्मीदवार घोषित किया, तब राजनीति हल्कों में इसे पार्टी का गलत फैसला कहा जा रहा था लेकिन पार्टी ने धरातल सच्चाई को पहले ही भाप लिया था और सर्वे के आधार पर इन्हें टिकट दिया गया, आखिरकार पार्टी के निर्णय को श्याम बिहारी जायसवाल ने सही साबित कर दिया और भाजपा प्रत्याशी के रूप में चुनाव लड़ कर मनेन्द्रगढ़ विधानसभा से न सिर्फ संगठन के विश्वासों पर खरा उतरे बल्कि क्षेत्र की जनता का आशीर्वाद भी इन्हें मिला और विधायक चुन लिये गये, तब 1 लाख 25 हजार मतदाता वाले विधानसभा क्षेत्र में लगभग 90 हजार मत पड़े और इन्हें 32 हजार से अधिक मत प्राप्त हुए| तब श्री जायसवाल ने मनेन्द्रगढ़ के पूर्व विधायक गुलाब सिंह को परास्त किया आज पार्टी के विभिन्न पदों में रहते हुए लगातार कार्य कर रहे हैं और विधानसभा के पटल पर एक सजग विधायक के रूप में अपने क्षेत्र के विकास और विभिन्न समस्याओं के लिए बेबाकी से प्रश्न उठाते है|
जीवन परिचय
सदस्य का नाम | मान. श्री श्याम बिहारी जायसवाल |
पार्टी का नाम | भारतीय जनता पार्टी ( भा.ज.पा.) |
निर्वाचन क्षेत्र एवं कमांक | मनेन्द्रगढ़ विधानसभा (छत्तीसगढ़ राज्य) |
पिता का नाम | श्री स्व. सूरजदीन जायसवाल |
माता जी नाम | श्रीमती चंद्रवती जायसवाल |
जन्मतिथि | 01 अक्टूबर 1976 |
विवाहित / अविवाहित | विवाहित |
पत्नी का नाम | श्रीमती कांति जायसवाल |
संतान | 02. पुत्र.(उत्तम जायसवाल , अमित जायसवाल) 01 पुत्री (कंचन जायसवाल) |
शैक्षणिक योग्यता | एमएससी, रसायन शास्त्र |
स्थायी पता एवं दूरभाष | मनोरम निवास ग्राम रतनपुर तहसील खड़गवां जिला एम.सी.बी. ; छ0ग0 497449 |
मोबाइल | 0771-2436444 |
अभिरूचि | शिक्षा, साहित्य,इतिहास , विज्ञान, स्वास्थ, परिचर्चा |

प्रदेश की राजनीति में योगदान
1. विधानसभा में सूचना पटल पर रखे जाने वाले समिति के सभापति है|
2. प्रदेश के धरोहर समिति नगरीय निकाय में सदस्य हैं|
3. सरगुजा विश्व विद्यालय में सदस्य के रूप में कार्य कर रहे है।
4. पिछड़ा वर्ग कल्याण मंच जिला कोरिया के अध्यक्ष है|
5. राईस मिलर एसोशिएशन के कोषाध्यक्ष है|
6. सामजिक दायित्व को निभाते हुए सर्ववर्गीय कल्यूरी जायसवाल समाज के कोषाध्यक्ष है|